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मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम चंद्र के जीवन से सीखें 5 बातें, जीवन के सभी क्षेत्र में मिलेगी कामयाबी

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम हमेशा विषम स्थिति मे भी कभी गांभीर्य और मर्यादा का साथ कभी नहीं छोड़ते। अपनी नीति पर हमेशा अटल रहे। आपने यह जरूर सुना होगा। रघुकुल रीति सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई । भगवान श्री राम अपने वचन के पक्के थे।

भगवान श्रीराम ने अपने सुख की देखभाल की। हमेशा सत्य और न्याय के साथ दिया। आज हम इस पोस्ट में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के 5 गुणों के बारे में आपको सर्वे करते हैं। और अगर आप इन गुणों को अपने जीवन में ला रहे हैं।

तो निश्चित ही आप जिस दिन से शुरू करेंगे उसी दिन से आपकी सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी। और आप उसी दिन से सकारात्मक और ऊर्जावान महसूस करना शुरू कर देंगे। आप इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें।

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भगवान श्री राम चंद्र का प्रथम गुण (धैर्य और सहनशीलता) आप भी अपने जीवन में उतारते हैं

मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने अपने जीवन के विषम रूपों में भी कभी धैर्य और सहनशीलता का साथ नहीं छोड़ा। भगवान श्रीराम ने अयोध्या के राजा होते हुए भी। एक सन्यासी की तरह एक का अपना जीवन है। समुंद्र पर सेतु बनाने के लिए समुंद्र देव की तपस्या की।

माता कैकेई की आज्ञा से 14 वर्ष का वनवास किया। भगवान श्री राम की आंतरिक देवी शक्तियाँ विशाल थीं। फिर भी वे एक व्यक्ति की तरह सभी पक्षों को प्रभावित करते हैं। और मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम कहालाए।

और आज के समय में भी धैर्य और सहनशीलता का होना हर इंसान के लिए जरूरी है। आप भगवान श्रीराम चंद्र के जीवन से धैर्य और सहनशीलता का पाठ सीख सकते हैं।

भगवान श्री रामचंद्र का दूसरा गुण (दयालु और श्रेष्ठ स्वामी) आप भी इसे अपने जीवन में उतार

मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम चंद्र दयालु और श्रेष्ठ स्वामी भगवान थे. भगवान श्री राम सभी को अपनी छत्रछाया में ले लेते हैं भगवान श्री राम चंद्र की सेना में दानव मानव पशु पक्षी थे भगवान श्रीराम ने सभी को आगे बढ़ने का पूरा मौका दिया

सुग्रीव को राज्य सहित तथा जामवंत नील और हनुमान जी को भी समय-समय पर नेतृत्व करने का पूरा अधिकार व मौका दिया भगवान श्री रामचंद्र अपने भक्तों पर भी बहुत दया करते हैं

हम सभी को अपने आदर्श भगवान श्री रामचंद्र जी की दया और अपने सानिध्य में रह रहे हैं के इसके बारे में अच्छा आचरण और भरपूर सहयोग करने के लिए भगवान श्री राम के दूसरे गुण से सीख लेनी चाहिए जो आज के जामने में बहुत ही जरूरी है।

भगवान श्रीराम चंद्र का तीसरा गुण ( कुशल प्रबंधक ) आप भी इसे अपने जीवन में उतारे

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम चंद्र कुशल प्रबंधक के साथ-साथ शुक्रवार को एक साथ लेकर चलते थे भगवान श्री राम की सेवा में पशु पंछी सभी राक्षस थे जिसका नेतृत्व भगवान श्री रामचंद्र ने किया

और सभी को विकास के अवसर भी दिए भगवान श्री रामचंद्र ने अपने तीसरे गुण कुशल प्रबंधन के चलते ही उनकी सेना ने लंका जाने के लिए 100 योजन का सेतु समुद्र पर बना दिया

भगवान श्री रामचंद्र ने वानस्पतिक गुण का उपयोग करना जानते थे और आज के समय में भी हर इंसान को भगवान श्री रामचंद्र के तीसरे गुण यानी कुशल प्रबंधन के गुण भगवान श्री रामचंद्र से सीखना चाहिए और अपने सानिध्य में रहने वाले लोगों को प्रोत्साहन और आगे आने के लिए मदद करनी चाहिए

भगवान श्री रामचंद्र के चौथा गुण ( आदर्श भाई और परम मित्र ) अपने जीवन में इसे जरूर उतारे

भगवान श्री रामचंद्र भारत के लिए आदर्श भाई प्रजा के लिए नीति कुशल न्याय प्रिय राजा सुग्रीव और केवट के परम मित्र और पशु पक्षी मानव दानव के सेना को नेतृत्व करने वाले महान योद्धा के रूप में जाना जाता है

भगवान श्री रामचंद्र अपने भाई लक्ष्मण भरत और शत्रुघ्न उनके आदर्श भाई के रूप में भी जाना जाता है भगवान श्री रामचंद्र ने अपने सभी भाइयों के साथ स्नेह और समर्पण का भाव रखा उनके इसी गुण के कारण वनवास हो जाता है

समय लक्ष्मण जी भी उनके साथ गए और अयोध्या का पूरा राज पाठ मिलने के बावजूद भी भरत जी ने भगवान श्री रामचंद्र के चरण पादुका को सिंहासन पर शासन किया और भगवान श्री रामचंद्र जी के मूल्यों को ध्यान में भरत जी ने जनता को न्याय प्रदान किया

और आज के दौर में भी अपने भाई और मित्र के साथ सौहार्दपूर्ण व्यवहार और अच्छा आचरण रखना चाहिए आप भगवान राम चंद्र से आदर्श भाई और परम मित्र का पाठ सीख सकते हैं और इसे अपने जीवन में अवश्य छोड़ दें

भगवान श्री रामचंद्र के पांचवा गुण ( दयालु स्वभाव ) आप भी अपने जीवन में इसे जरूर उतारे

भगवान श्री रामचंद्र बहुत दयालु स्वभाव के श्री भगवान रामचंद्र ने दया कर सभी को अपनी छत्रछाया में ले लिया सुग्रीव को राज्य दया उनके दयालु स्वभाव का ही प्रतीक है और रावण के भाई विभीषण ने जब भगवान श्री रामचंद्र के छत्र छाया में आए तो भगवान श्री रामचंद्र ने उनका स्वागत करना उनकी दयाल स्वभाव को निर्दिष्ट है

आप भी अपने अंदर भगवान श्री रामचंद्र की यह 5 गुण पर आधार अमल करते हुए करते हैं तो आप अपने जीवन में निश्चित ही सफलता की स्थिति को छूते और आज के समय में सभी लोग अपने आदर्श भगवान श्री रामचंद्र के आचरण को अमल में लाना चाहिए और उनके द्वारा बताई गई सूचनाओं का पालन करना चाहिए

Note.

हमने आपको इस पोस्ट में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र की जीवन की 5 गुणों के बारे में बताया है भगवान श्री रामचंद्र के 16 गुण हैं जिसकी व्याख्या हम अपने अगले पोस्ट में करेंगे अगर कोई भी सामान्य सा इंसान भगवान रामचंद्र के आदर्शों का पालन करना शुरू कर दें तो उसके जीवन की समस्त तकलीफ और कठिनाइयों का नाश होता है

Conclusion

आप भगवान श्री रामचंद्र के जीवन के 5 गुणों के बारे में जानेंगे उम्मीद है कि यह पोस्ट आपको अच्छी लगी होगी इस पोस्ट को आप अपने मित्र परिवार सगे संबंधों के साथ जरूर शेयर करें

आज और अभी से ही अपने अमल में जाएं और लोगों को सचेत करें मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र के गुणो के बारे में जानने के लिए भगवान श्री राम के नाम का निर्धारण केवल उसी शरीर के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता हैं

आपकी भीतर अदम्य इच्छा शक्ति बढ़ती है भगवान श्री रामचंद्र की पूजा करें हमारी वेबसाइट में आपके इसके लिए और भी अच्छी जानकारी वाली पोस्ट लिखी गई है जो कुछ पैसे कमाने वाले लोगों से संबंधित है, आप भी उन पोस्ट को पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद

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