दिल्ली-एनसीआर और कश्मीर समेत कई इलाकों में आज कुछ हद तक बड़ा भूकंप आया। दोपहर 3:18 बजे के आसपास भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे थोड़ी-बहुत हलचल और सामान्य चिंता पैदा हो गई। यू.एस. जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के शुरुआती अनुमानों से पता चलता है कि कश्मीर में भूकंप की तीव्रता 6.6 और आसपास के इलाकों में 6.2 थी, जबकि पड़ोसी पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।
भूकंप के बारे में विवरण
- कश्मीर में तीव्रता: 6.6
- तीन बजकर अठारह मिनट IST
- रिपोर्टों के अनुसार भूकंप का केंद्र कश्मीर है, इसलिए इसका असर पाकिस्तान के साथ-साथ भारत पर भी पड़ा।
- अन्य प्रभावित क्षेत्र: अफगानिस्तान, दिल्ली-एनसीआर, श्रीनगर, आस-पास के इलाके
मुख्य शहरवासियों, खास तौर पर दिल्ली में, कुछ पल के लिए धरती हिलती हुई महसूस हुई। लोग इमारतों से भाग गए और आपातकालीन सिस्टम तुरंत चालू हो गए। हालांकि अभी भी जांच जारी है, लेकिन अभी तक किसी की मौत या बड़े नुकसान का दावा नहीं किया गया है।
भूकंप की हालिया हलचल
आज का भूकंप दुनिया भर में दर्ज की गई कई अन्य भूकंपीय घटनाओं से मेल खाता है। पिछले कुछ दिनों में आए उल्लेखनीय भूकंपों में शामिल हैं:
- 7 सितंबर को अमेरिका के कैलिफोर्निया के ओंटारियो में लगभग 3.9 तीव्रता का भूकंप।
- 11 सितंबर को साउथ सैंडविच आइलैंड में 5.7 तीव्रता का भूकंप
- 10 सितंबर को इंडोनेशिया के उत्तरी सुलावेसी में 5.4 तीव्रता का भूकंप
- 8 सितंबर को सोलोमन आइलैंड के गिजो के पास 5.5 तीव्रता का भूकंप
सुनामी की रोकथाम और सुरक्षा उपायों के लिए अलर्ट
भूकंप विशेषज्ञ क्षेत्र में आने वाले झटकों और संभावित भूकंपीय गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं। हालांकि अधिकारियों ने चेतावनी दी है, लेकिन अभी तक तटीय क्षेत्रों के लिए सुनामी की कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है। लोगों को सतर्क रहने, आधिकारिक सिफारिशों का पालन करने और केवल तभी बाहर निकलने की सलाह दी जाती है, जब बहुत जरूरी हो।
पेशेवर दृष्टिकोण
इस तरह के भीषण भूकंप के बाद, नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि झटके बहुत बार आते हैं। वे लोगों को आपातकालीन आपूर्ति अपने पास रखने और अस्थिर निर्माणों से बचने की सलाह देते हैं।
संक्षेप में
आज का भूकंप हमें उत्तरी भारत और कश्मीर जैसे क्षेत्रों की भूकंपीय संवेदनशीलता की काफी याद दिलाता है। चूंकि अधिकारी मामले का मूल्यांकन करते रहते हैं और सार्वजनिक सुरक्षा की गारंटी देते रहते हैं, इसलिए अतिरिक्त घटनाक्रमों के लिए तैयार रहें।